बैंक डिपाजिट और प्रॉपर्टी में बड़े लेनदेन की जानकारी छिपाई
10 हजार लोगों को आयकर विभाग का नोटिस
भोपाल । शेयर, बैंक डिपाजिट और प्रॉपर्टी में बड़े लेनदेन की जानकारी छुपाने वाले राजधानी के करीब 10 हजार लोगों को आयकर विभाग ने नोटिस जारी कर दिए हैं। इनसे 10 दिन का समय देकर जवाब मांगे हैं। जवाब ठीक न होने पर विभाग ने नए सिरे से इन पर टैक्स की देनदारी निकालेगा। अभी नोटिस 2012-13 वर्ष के लिए ही दिए गए हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि इनका निपटारा फास्ट ट्रैक पर दिया जा रहा है। विभाग का जोर है कि करदाता इसी वित्तीय वर्ष में बढ़ा हुआ टैक्स जमा करें। इस समय विभाग वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए कर संग्रह के लक्ष्य से काफी पीछे है। वह इन नोटिस के साथ जारी वर्ष में एडवांस टैक्स कम जमा कराने वाले, टैक्स डिमांड निकलने के बाद भी टैक्स जमा न कराने वाले लोगों को भी बार-बार नोटिस और रिमाइंडर भेज रहा है। इसके चलते आने वाले दिनों में टाइम बार नोटिस के साथ ही बड़े-बड़े असेसमेंट सर्वे देखने को मिल सकते हैं।
इसलिए आ रहे नोटिस -शेयर बाजार, बैंक डिपॉजिट, प्रॉपर्टी में खरीद बिक्री करने वाले करदाताओं को यह नोटिस इस श्रेणी में मिल रहे हैं...
क्रेडिट कार्ड में 2 लाख रुपए से अधिक का ट्रांजेक्शन
बाॅन्ड, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड, शेयर में 5 लाख रुपए से अधिक की खरीद या बिक्री
एक ही कंपनी के आईपीओ में 1 लाख रुपए से अधिक के निवेश पर।
30 लाख रुपए से अधिक की अचल संपत्ति खरीदने पर।
आरबीआई के बॉन्ड में 5 लाख रुपए से अधिक के निवेश पर।
31 मार्च के पहले पूरा होगा काम
जिनके आयकर दाताओं के जवाब संतोषप्रद नहीं होंगे, उन्हें आयकर अधिनियम 1961 की धारा 148 के दायरे में रखा जाएगा। यह काम 31 मार्च के पहले पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद उन्हें दोबारा इस सेक्शन 148 के तहत नोटिस जारी होंगे। विभाग 31 जनवरी तक लक्ष्य की तुलना में केवल 50% ही कर राजस्व अर्जित कर सका है।
कोई जानकारी न छिपाएं
यह नोटिस आयकर विभाग को अपनी इंटेलीजेंस विंग से मिली एनुअल इंफार्मेशन रिपोर्ट (एआईआर) के आधार पर भेजे गए हैं। करदाताओं द्वारा दिए गए जवाब के अाधार पर यह तय होगा कि उन्हें सेक्शन 148 के तहत रखा जाए या नहीं। लोगों को सलाह है कि वे अपने जवाब में कोई जानकारी छुपाने की कोशिश न करें। राजेश जैन, आयकर विशेषज्ञ