हेलिकॉप्टर तोड़ने वाले सिरफिरे का ग्वालियर में होगा इलाज

भोपाल एयरपोर्ट पर हेलिकॉप्टर तोड़ने वाले सिरफिरे का ग्वालियर में होगा इलाज





भोपाल। राजाभोज एयरपोर्ट में रविवार शाम को हेलिकॉप्टर में तोड़फोड़ करने वाले आरोपित योगेश त्रिपाठी की मानसिक जांच कराने के लिए मंगलवार को उसे हमीदिया अस्पताल ले गए थे। बुधवार को अस्पताल प्रबंधन ने उसे ग्वालियर की मानसिक आरोग्य शाला के लिए रेफर कर दिया है। डॉक्टरों के मुताबिक वह एक्यूट साइकोसिस से पीड़ित है। वहां उसका अच्छी तरह उपचार किया जा सकता है। इससे पहले रात में भूख लगने पर उसने दो केले खाए थे। करीब छह पुलिसकर्मियों के पहरे में उसने रात काटी। इसके बाद वह सुबह सामान्य तरीके से उठा और पानी पीया। जब उससे पूछा गया कि कहां रहते हो तो उसने जवाब दिया स्काई ब्लू। बता दें कि राजाभोज एयरपोर्ट में घुसकर वहां खड़े हेलिकॉप्टर में तोड़फोड़ करने व विमान के सामने खड़े होने वाले योगेश त्रिपाठी का इलाज मनोचिकित्सक कर रहे हैं। उसने मंगलवार को हिरासत के दौरान दो पुलिसकर्मियों पर हमला कर दांत से काट लिया था। वहीं एक पुलिसकर्मी की वर्दी फाड़ी थी। पुलिस पर हमला करने के बाद योगेश थाने में बैचेन हो गया था। उसकी हालत बिगड़ने पर गांधी नगर पुलिस ने उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां मनोचिकित्सक डॉ. जेपी अग्रवाल ने उसका उपचार शुरू किया। उसे शांत करने के लिए इंजेक्शन लगाना पड़ा था।


कोर्ट से मिली अनुमति


सीएसपी निशातपुरा लोकेश सिन्हा के अनुसार योगेश त्रिपाठी का अच्छा उपचार करने के लिए उसे ग्वालियर के मानसिक आरोग्य शाला रेफर कर दिया है। इसके लिए गांधी नगर पुलिस ने जिला कोर्ट में आवेदन लगााकर अनुमति मांगी थी, जो मिल गई है। छह पुलिसकर्मियों की सुरक्षा और पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ योगेश को बुधवार रात को ग्वालियर भेजा जा रहा है।


घर का पता बताया स्काई ब्लू


हमीदिया अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार देर रात को योगेश थोड़ा शांत हो गया था। तब उसने खाने के लिए कुछ मांगा तो पुलिस ने उसे केले दिए थे। इन्हें खाने के बाद उसने पानी पीया और सो गया था। बुधवार सुबह वह सामान्य तरीके से उठा। पुलिस ने उससे घर का पता पूछा तो उसने स्काई ब्लू बताया।


यह है एक्यूट साइकोसिस


ग्यारह सौ क्वार्टर जैन मंदिर के पास रहने वाला आरोपित योगेश त्रिपाठी एक्यूट साइकोसिस से पीड़ित है। बंसल अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने बताया कि इस बीमारी से पीड़ित मरीज कल्पना की उड़ान में ज्यादा रहता है। उसका व्यवहार अचानक उत्तेजक हो जाता है। उसे लगता है लोग उसकी बुराई कर रहे हैं। उसने नहीं बताया कि आखिरकार वह एयरपोर्ट में क्यों घुसा था।