दतिया / सेंवढ़ा विधायक घनश्याम सिंह के ज्येष्ठ भ्राता दतिया रियासत के महाराज राजेन्द्र सिंह जूदेव 69 की पार्थिव देव गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। हजारों की संख्या में लोगों ने अपने घरों के दरबाजों व बालकनियों पर खड़े रहकर पुष्प वर्षा कर स्व महाराज राजेन्द्र सिंह जूदेव के अंतिम दर्शन किए तथा नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कोरोना वायरस के संक्रमण के तहत शासन की गाइड लाइन के चलते अंतिम यात्रा में लोगों से भीड़ न जुटाने तथा घरों पर रहकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने की अपील दतिया महाराज घनश्याम सिंह ने की थी, ज्यादातर नागरिकों ने उनकी अपील को माना तथा घरों पर रहकर ही अपनी श्रद्धांजलि दी।
राजसी छतरियों पर हुआ अंतिम संस्कार-
करन सागर तालाब के तट पर स्थित राजसी छतरियों पर महाराज राजेन्द्र सिंह जूदेव का अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह 10.30 बजे सनातन धर्म एवं राज संस्क्रति की परंपरानुसार विधि विधान से राज आचार्य रामदेव चतुर्वेदी, राज पुरोहित अनुराग पुरोहित, आचार्य कृष्ण कुमार कोशकिया द्वारा सम्पन्न कराया गया। मुखाग्नि महाराज राजेन्द्र सिंह जूदेव के इकलौते पुत्र युवराज अरुणादित्य देव ने दी।
इससे पूर्व स्व महाराज राजेन्द्र सिंह जूदेव की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए किला परिसर में आमजनों को दर्शन के लिए रखा गया। सुबह 9 बजे अंतिम यात्रा शुरू हुई। सेंवढ़ा विधायक महाराज घनश्याम सिंह, खिलचीपुर रियासत के महाराज एवं पूर्वमंत्री विधायक प्रियव्रत सिंह, शिवम सिंह जूदेव ने विमान को कंधा देकर अंतिम यात्रा को राजसी छतरियों के लिए रवाना किया।
अंतिम यात्रा में जन प्रतिनिधि व राज परिवार के निकट के लोग शामिल हुए।
मालूम हो कि सेंवढ़ा विधायक घनश्याम सिंह के ज्येष्ठ भ्राता एवं पूर्व सांसद महाराज कृष्ण सिंह जूदेव के ज्येष्ठ पुत्र दतिया महाराज राजेन्द्र सिंह जूदेव का बुधवार सुबह ग्वालियर के सिम्स अस्पताल में उपचार के दौरान ह्रदयघात से आकस्मिक निधन हो गया था।
खेलकूद व सांस्कृतिक गतिविधियों को दिया प्रोत्साहन-
महाराज राजेन्द्र सिंह जूदेव सरल सहज व मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने जिले में सांस्कृतिक व खेलकूद गतिविधियों को काफी प्रोत्साहित किया। श्रीराम कथा आयोजन समिति द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम तथा दतिया चैलेंजर कप क्रिकेट प्रतियोगिता के आयोजन में सक्रिय सहभागिता दी। श्री गोविंद गौशाला समिति के अध्यक्ष रहते हुए गौशाला में पारंपरिक गोवर्धन पूजा को उन्होंने भव्यता प्रदान की।
लखनऊ में जन्म, मथुरा में हुई शिक्षा-
महाराज राजेन्द्र सिंह जूदेव का जन्म नबम्बर 1950 में लखनऊ उप्र में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा मथुरा में हुई। आगरा विश्विद्यालय से उन्होंने बीकॉम, एमकॉम की डिग्री हासिल की। इसके बाद भोपाल और नागपुर में निजी कंपनी में सेवाएं दी। वह वर्ष 1999 से दतिया किला में निवासरत होकर निजी कृषि व प्रोपर्टी का कार्य देख रहे थे।
महाराज राजेन्द्र सिंह जूदेव पंचतत्व में विलीन, नम आंखों से लोगों ने पुष्प वर्षा कर दी श्रद्धांजलि, मुखाग्नि युवराज अरुणादित्य देव ने दी